कीटनाशी विक्रेताओं को बासमती धान में लगने वाले विभिन्न प्रकार के कीटों और बीमारियों में प्रतिषिद्ध किये गये 11 कीटनाशकों का प्रयोग न करने के निर्देश


जनपद रामपुर :-

नित्य समाचार न्यूज़ एजेंसी

प्रधान संपादक डीके सिंह

जिला रामपुर कृषि विभाग द्वारा 01 अगस्त, 2025 से 60 दिनों की अवधि के लिए उ०प्र० राज्य के बासमती चावल में ट्राईसाइक्लाजोल, बुप्रोफेजिन, एसीफेट, क्लोरपायरीफॉस, टेबुकोनोजोल, प्रोपिकोनाजोल, थायोमेथाक्साम, प्रोफेनोफॉस, इमिडाक्लोप्रिड, कार्बन्डाजिम एवं कार्बाेफ्यूरान कीटनाशकों के सभी प्रकार के फार्मूलेशन की बिक्री, वितरण और प्रयोग को प्रतिषिद्ध किया गया है ताकि गुणवत्तायुक्त बासमती चावल के निर्यात में वृद्धि की जा सके।

जिला कृषि रक्षा अधिकारी कुलदीप सिंह राणा ने कृषि विभाग द्वारा जारी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के माध्यम से जनपद के सभी कीटनाशी विक्रेताओं को निर्देशित किया है कि कोई भी विक्रेता बासमती धान में लगने वाले विभिन्न प्रकार के कीटों और बीमारियों में प्रतिषिद्ध किए गए 11 कीटनाशकों का प्रयोग न कराये, यदि किसी विक्रेता द्वारा प्रतिषिद्ध किए गए कीटनाशकों की बिक्री करते हुए पाया जाता है तो उसके विरूद्ध कीटनाशी अधिनियम-1968 में निहित सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत कड़ी व वैधानिक कार्यवाही की जायेगी।

उन्होंने बताया कि सभी कीटनाशक विक्रेताओं को सलाह दी गयी है कि बासमती धान में संतुलित मात्रा में वैकल्पिक कीटनाशकों का प्रयोग करने, नियंत्रण की आईपीएम पद्धति का प्रयोग करने एवं जैव कीटनाशकों जैसे-नीम ऑइल, ट्राईकोडर्मा, ब्युवेरिया बेसियाना, स्यूडोमोनास, मैटाराइजियम, बीटी एनपीवी की बिक्री को बढ़ायें तथा कुछ वैकल्पिक उपाय जैसे लाइट ट्रैप, फेरोमोन ट्रैप, स्टिकी ट्रैप और ट्राईकोकार्ड का प्रयोग करायें।

 

 


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