जनपद रामपुर🇮🇳🇮🇳
नित्य समाचार👁👁
*सीड की आड़ में अवैध स्टॉक, किसानों को भारी नुकसान*
रामपुर👉 भारतीय किसान यूनियन (भानु) के जिला अध्यक्ष सलीम वारसी के नेतृत्व में सनिवार को किसानों ने प्राइवेट सीड प्लांटों में चल रहे फर्जीवाड़े का खुलासा करते हुए बिलासपुर तहसील दिवस में तीन सूत्र ज्ञापन उप जिला अधिकारी अरुण कुमार महोदय को दिया किसानों को आश्वासन दिया तथा अतिशीघ्र कार्रवाई करने का आश्वासन दिया इससे पहले किसानों को संबोधित करते हुए जिला अध्यक्ष ने कहा कि इन प्लांटों में दढ़े का गेहूं प्रोसेस कर प्रमाणित बीज के नाम पर किसानों को बेचा जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था की मिलीभगत से अच्छे बीज चुनकर लखनऊ लैब भेजे जाते हैं, जो आसानी से पास होकर वापस आते हैं। इसके बाद वैरायटी के हिसाब से पैकिंग होती है, लेकिन असली गड़बड़ी यहीं से शुरू होती है। किसान नेताओं के अनुसार, सीड प्लांटों पर भारी मात्रा में अवैध स्टॉक मौजूद है, जबकि कोई भी प्लांट डायरेक्टरी से किस्म वार मिलान कराने में सक्षम नहीं है। सलीम वारसी ने यह भी कहा कि बीज प्रमाणीकरण संस्था से मिलने वाले नीले टैग की डुप्लीकेट कॉपी प्रिंटिंग प्रेस से तैयार कर बाजार में नकली बीज उतारे जा रहे हैं। साथ ही संस्था से अनुमोदित बैग का प्रयोग न कर अन्य बैग लगाए जा रहे हैं। अंडर साइज गेहूं को कागजों में किसानों के नाम पर वापस दिखाया जाता है। उन्होंने गंभीर आरोप लगाया कि इस पूरे खेल में बिलासपुर स्थित उप निदेशक, बीज प्रमाणीकरण संस्था को सीड प्लांटों से करोड़ों रुपये की रिश्वत दी जाती है। इस गोरखधंधे में किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।किसान नेताओं ने कहा कि भारतीय बीज अधिनियम-1966 की धारा-8 के तहत 5 अक्टूबर 1976 को उत्तर प्रदेश राज्य बीज प्रमाणीकरण सोसायटी की स्थापना हुई थी, जो 1977 से राज्य में बीजों के प्रमाणीकरण का कार्य कर रही है। प्रमाणित बीज की पहचान उसके नीले टैग और संस्था के अधिकृत अधिकारी के हस्ताक्षर से होती है। लेकिन वर्तमान समय में इस व्यवस्था का खुला दुरुपयोग हो रहा है। पंचायत में किसानों ने चेतावनी दी कि यदि सीड प्लांटों की निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन को और व्यापक किया जाएगा। प्रदर्शन करने वालों में युवा जिला अध्यक्ष मोहम्मद आसिम राजा आरिफ खान सोनू मोहम्मद अहकाम इंतेज़ार अली जगतार सिंह मुराद खान मक्खन सिंह श्याम मोहन पांडेय नाजिम अली रिज़वान जीत सिंह कदीर आलम मतलूब हसन करीमुद्दीन मुबारक हसन इमरान रजा एहताम मुकेश श्रीवास्तव भूपराम जमुना प्रसाद बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे।