जनपद रामपुर:-
*बिलासपुर:* बिलासपुर विद्युत वितरण खंड-चतुर्थ कार्यालय के सामने भारतीय किसान यूनियन भानु ने अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है। इस आंदोलन की अगुवाई जिला अध्यक्ष मोहम्मद सलीम वारसी कर रहे हैं। किसानों और खेतिहर मजदूरों ने बिजली विभाग, विशेष रूप से अशोक नगर बिलासपुर के एसडीओ पर गंभीर आरोप लगाते हुए उनका विरोध किया। प्रदर्शनकारियों ने विभाग पर भ्रष्टाचार, दुर्व्यवहार, और किसानों के उत्पीड़न का आरोप लगाया है। धरने पर बैठे किसानों और मजदूरों ने निम्नलिखित आरोप लगाए हैं किसानों और ग्रामीणों का उत्पीड़न किया जा रहा है प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि एसडीओ किसानों और ग्रामीणों के साथ दुर्व्यवहार करते हैं और उनकी समस्याओं को अनदेखा करते हैं। संविदा कर्मियों से दुर्व्यवहार किया जा रहा है संविदा पर काम करने वाले कर्मचारियों को धमकाने और अपमानित करने की घटनाएं आम हो गई हैं। बिना स्टीमेट के लाइन शिफ्टिंग कर विभाग को लाखों का चूना लगाया बिना स्टीमेट तैयार किए लाइन शिफ्टिंग की जा रही है, जिससे विभाग में भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है। विद्युतीकरण के बिना क्षेत्रों में गलत तरीके से 200 मीटर दूरी पर कनेक्शन दिए जा रहे हैं, जिससे दुर्घटनाओं और असुविधा का खतरा बढ़ा है। किसानों का बिजली बिलों में अनियमितता की जा रही है किसानों के बिजली बिल गलत बनाए जा रहे हैं। बार-बार शिकायत करने के बावजूद विभाग कोई समाधान नहीं निकाल रहा। किसानों एवम् खेतिहर मजदूरों से रिश्वतखोरी और झूठी प्राथमिकी दर्ज की जा रही है एसडीओ पर आरोप है कि वे अपने दलालों के माध्यम से रिश्वत लेते हैं और किसानों के खिलाफ झूठी एफआईआर दर्ज करवाते हैं।
किसानों की मांगें
धरने पर बैठे किसानों ने अपनी प्रमुख मांगों को सामने रखा: एसडीओ और दोषी कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई हो। बिजली बिलों की अनियमितता को खत्म किया जाए।रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार को रोका जाए।
बिना स्टीमेट के लाइन शिफ्टिंग और गलत कनेक्शन की समस्याओं को हल किया जाए।
किसानों पर दर्ज झूठी एफआईआर को रद्द किया जाए। धरने के तीसरे दिन तक भी प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों पर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे और जिले में बड़े स्तर पर प्रदर्शन करेंगे। धरने को ग्रामीणों का भी पूरा समर्थन मिल रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि बिजली विभाग की अनियमितताएं उनके जीवन पर बुरा असर डाल रही हैं। धरना स्थल पर किसानों की संख्या लगातार बढ़ रही है। आंदोलनकारी किसानों ने साफ कर दिया है कि उनकी मांगे पूरी होने तक वे पीछे नहीं हटेंगे। यदि जल्द समाधान नहीं निकला, तो आंदोलन का दायरा और बड़ा होगा, और सड़क जाम जैसे कदम उठाए जा सकते हैं। धरना स्थल पर मौजूद किसानों और मजदूरों के चेहरों पर संघर्ष का दृढ़ संकल्प साफ झलक रहा है। उनका कहना है कि वे अपने अधिकारों और सम्मान की लड़ाई में हर संभव कदम उठाएंगे।