यूपी में बड़े एक्शन की तैयारी में आबकारी विभाग, इन लोगों पर कसेगा शिकंजा


(नित्य समाचार न्यूज़ एजेंसी)

ब्यूरो, लखनऊ:- अपने राजस्व अर्जित करने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आबकारी विभाग अब दूसरे राज्यों से आने वाली अवैध शराब पर भी शिकंजा कसेगा। इसके लिए प्रदेश को दो भागों में बांटकर दो अलग-अलग अधिकारियों को इसके पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
ये अधिकारी फील्ड में जाकर अपनी देखरेख में प्रवर्तन की कार्रवाई कराएंगे। इसके अतिक्ति सभी फील्ड आफिसर प्रत्येक 15 दिन में प्रवर्तन से संबंधित कार्रवाई की रिपोर्ट शासन को उपलब्घ कराएंगे। आबकारी एवं मद्यनिषेध राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नितिन अग्रवाल ने सोमवार को विभागीय कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि पड़ोसी जिलों से एक भी बोतल अवैध मदिरा प्रदेश में नहीं आनी चाहिए।
इसके लिए चेक पोस्ट को 24 घंटे क्रियाशील रखा जाए और बिहार से जुड़े जिलों पर विशेष निगरानी रखी जाए । मंत्री ने कहा कि प्रदेश को एक ट्रिलियन डालर अर्थव्यवस्था वाला राज्य बनाने में आबकारी विभाग का महत्वपूर्ण योगदान होगा।
2025-26 में 63 हजार करोड़ का लक्ष्य

वित्तीय वर्ष 2025-26 में 63 हजार करोड़ रुपये आबकारी राजस्व अर्जित करने का लक्ष्य निर्धारित है, जिसको हर हाल में प्राप्त किया जाना है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए राजस्व प्राप्ति में केवल 20 प्रतिशत वार्षिक अभिवृद्धि करनी होगी, जबकि वर्तमान में लगभग 12 प्रतिशत वार्षिक की वृद्धि से राजस्व अर्जित किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2023-24 में कुल 45,570.47 करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्तियां हुई थीं, जो वर्ष 2022-23 में प्राप्तियों 41,252.24 करोड़ रुपये के सापेक्ष 4,318.23 करोड़ रुपये अधिक है। इस प्रकार आबकारी राजस्व में 10 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 में माह फरवरी तक कुल 42828.57 करोड़ रुपये की प्राप्तियां हुई हैं, जो वर्ष 2023-24 की इसी अवधि में प्राप्तियों 41224.16 करोड़ रुपये के सापेक्ष 1604.41 करोड़ अधिक है। उन्होंने राजस्व अर्जित करने में टाप-10 जिलों की सराहना की और न्यूनतम रहने वाले टाप-10 जिलों को राजस्व बढ़ाने के सख्त निर्देश भी दिये।
आबकारी नीति में आंशिक संशोधन के उपरांत राजस्व पर अनुकूल प्रभाव पड़ रहा है। प्रथम चरण की ई-लाटरी संपन्न हो चुकी है, जिसमें देशी मदिरा की 15906 दुकानों, 9341 कंपोजिट शाप , भांग की 1323 दुकानों और 430 माडल शाप का व्यवस्थापन संपन्न हुआ है। इस प्रकार प्रथम चरण की लाटरी में कुल दुकानों के सापेक्ष 98.90 प्रतिशत दुकानों का व्यवस्थापन हुआ है।
नई आबकारी नीति के तहत अगले वित्तीय वर्ष के लिए लगभग 40 प्रतिशत नए अनुज्ञापी आये हैं। इन सभी के साथ बैठक कर उन्हें आवश्यक जानकारियां प्रदान की जाए , ताकि उनको व्यवसाय करने में कोई असुविधा का सामना न करना पड़े।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!