निजी अस्पतालों की मनमानी: एमआरपी तय कर चार गुना महंगे बेच रहे इंजेक्शन व दवाएं


 

मोनोपॉली दवा के खेल से जनता त्रस्त

 

जनपद रामपुर:-

नित्य समाचार न्यूज़ एजेंसी

रामपुर  जिले के निजी अस्पतालों में संचालित मेडिकल स्टोरों पर मरीजों के साथ खुला खेल हो रहा है। सूत्रों की मानें तो इन अस्पतालों में दवाओं और इंजेक्शनों की कीमतें मनमाने ढंग से तय की जा रही हैं। अस्पताल प्रबंधन फार्मा कंपनियों से सांठगांठ कर अपनी सुविधा अनुसार अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) डलवा रहे हैं, जो बाजार दर से चार गुना तक अधिक होती है। यही नहीं, दवा पर कंपनी का नाम भी बदलवा दिया जाता है, जिससे वह दवा केवल उन्हीं अस्पतालों के मेडिकल स्टोर पर ही उपलब्ध हो पाती है।

इस पूरे खेल में मरीजों को न केवल आर्थिक रूप से लूटा जा रहा है, बल्कि उन्हें विकल्पविहीन भी बना दिया गया है। चूंकि दवाएं बाजार में उपलब्ध नहीं होतीं, इसलिए मरीजों को मजबूरी में वहीं से खरीदनी पड़ती हैं, चाहे कीमत कितनी भी क्यों न हो।

खास बात यह है कि कई मेडिकल स्टोर बिना वैध पंजीकरण के ही संचालित हो रहे हैं। यदि नियमों और मानकों के आधार पर इनकी जांच की जाए, तो अधिकांश मेडिकल स्टोरों की पोल खुल सकती है।जानकारों के अनुसार, यह एक सुनियोजित रणनीति है, जिसमें अस्पताल, दवा कंपनियां और कुछ सप्लायर शामिल होते हैं। मरीजों की मजबूरी का फायदा उठाकर निजी अस्पताल मोटा मुनाफा कमा रहे हैं। गरीब और मध्यमवर्गीय मरीजों के लिए यह व्यवस्था दोहरी मार जैसी साबित हो रही है – एक तरफ बीमारी की मार और दूसरी तरफ इलाज के नाम पर लूट।

स्वास्थ्य विभाग और औषधि नियंत्रण विभाग की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। लगातार शिकायतों के बावजूद न तो कोई ठोस कार्रवाई होती है और न ही व्यवस्था में कोई सुधार नजर आता है।

स्थानीय लोगों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस पर सख्त कदम उठाने की मांग की है, ताकि मरीजों को राहत मिल सके और मेडिकल क्षेत्र में व्याप्त इस अंधाधुंध लूट पर लगाम लगाई जा सके।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!