जनपद रामपुर में निजी विद्यालयों की लूट
ब्यूरो रिपोर्ट- नित्य समाचार न्यूज़ एजेंसी
जनपद के अधिकांश निजी विद्यालय शिक्षा के नाम पर एक संगठित लूट का अड्डा बन चुके हैं। इसके लिए मुख्य रूप से तीन प्रमुख समस्या का उल्लेख है:
महंगी पुस्तकें एवं सिलेबस परिवर्तन की लूट:
निजी विद्यालयों द्वारा पुस्तक प्रकाशन और विक्रय में भारी लूट मचाई जा रही है।
उदाहरण के तौर पर, कक्षा 2 की पुस्तकों की कीमत ₹6000 तक पहुँच जाती है, जबकि स्कूल प्रबंधकों को इन पुस्तकों पर 60-70% तक का कमीशन मिलता है।
इसके साथ ही, विद्यालय जानबूझकर हर वर्ष सिलेबस में बदलाव कर देते हैं, ताकि पुराने सत्र की पुस्तकें अनुपयोगी हो जाएं।
फीस में मनमानी वृद्धि निजी विद्यालय हर वर्ष मनमाने ढंग से ट्यूशन, विकास और परिवहन शुल्क में वृद्धि कर रहे हैं, जो उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय शुल्क विनियमन अधिनियम 2018 के अंतर्गत अवैध है।
बस शुल्क में अनुचित बढ़ोतरी:उन्होंने यह भी बताया कि डीजल के दाम स्थिर रहने के बावजूद, विद्यालयों द्वारा परिवहन शुल्क में लगातार वृद्धि की जा रही है, जिससे अभिभावकों पर अतिरिक्त आर्थिक दबाव डाल रहा है।
इन गंभीर मुद्दों का समाधान शीघ्र और प्रभावी तरीके से किया जाए, ताकि प्रदेश के लाखों अभिभावक और विद्यार्थी इस शोषण से मुक्ति पा सकें।
यह खवर शिक्षा क्षेत्र में सुधार की आवश्यकता को उजागर करती है यह स्पष्ट है कि यदि यह समस्याएं दूर नहीं की जातीं, तो भविष्य में अभिभावक और विद्यार्थी गहरी समस्याओं का सामना करेंगे।