कब चलता है कब बंद हो जाए सर्वर कैसे हो उपभोक्ताओं की केवाईसी


जनपद रामपुर:-

रामपुर,  खाद्य एवं रसद विभाग का बे भरोसा सर्वर राशन डीलर और उपभोक्ताओं के लिए जी का जंजाल बनकर रह गया है। विभाग का सर्वर कब बंद हो जाए और कब चालू हो जाए इसका कोई भरोसा नहीं है। नतीजा राशन डीलर उपभोक्ताओं का कीमती समय न केवल बर्बाद हो रहा है बल्कि कई बार यह आपसी झगड़ों का भी सबक बनता है और कानून व्यवस्था की स्थिति को भी प्रभावित करता है। वहीं अधिकारियों का कहना है कि सर्वर एक तकनीकी मामला है। इस पर उनका जोर नहीं चलता है अलबत्ता वह समय-समय पर विभाग के उच्च अधिकारियों को लिखकर स्थिति से अवगत कराते रहते हैं। उम्मीद है बहुत जल्द इस समस्या का स्थाई समाधान हो जाएगा और राशन डीलर उपभोक्ताओं को इस समस्या से निजात मिल जाएगी।

सर्वर चलता नहीं कैसे हो उपभोक्ताओं की केवाईसी

एक तरफ जहाँ विभाग के अधिकारी उपभोक्ताओं से केवाईसी कराने की अपील कर रहे हैं तो दूसरी ओर सर्वर का जल्दी-जल्दी बंद होना दिक्कत पैदा करता है। जिसके चलते उपभोक्ताओं की केवाईसी हो नहीं पा रही या फिर उन्हें सर्वर चालू होने के घंटों इंतजार करना पड़ता है।  जल्दी-जल्दी सर्वर डाउन होने से किस तरह इतनी बड़ी सँख्या में समय से केवाईसी हो पाएगी यह सोचकर राशन डीलरों चिंतित हो रहे हैं।

जब राशन वितरण का समय आता है और ग्राहकों की अधिकता होती है तो सर्वर डाउन हो जाता है। जिस कारण स्थिति भी बिगड़ जाती है। उनका कहना है कि कई बार तो कई कई घंटे तक सर्वर बंद रहता है और राशन लेने आए उपभोक्ता इंतजार में दुकान पर खड़े रहते हैं और लंबी-लंबी लाइन लग जाती है। इसको लेकर कई बार तो झगड़ा तक भी आपस में हो जाता है। उपभोक्ता राशन डीलरों से भी नाराज रहता है और शिकायत बाजी पर उतर आता है।

राशन डिपो होल्डर यूनियन के  पदाधिकारी बताते हैं कि सर्वर डाउन होना एक नियति बन गया है जो न केवल राशन विक्रेताओं बल्कि उपभोक्ताओं को परेशानी का सबब बना हुआ है। वे लोग अनेक बार विभाग को भी लिख चुके हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। अधिकारी लोग सर्वर को लेकर मजबूरी जताकर उन्हें चुप कर देते हैं। राशन डीलर विक्रेता  कहते हैं कि कई बार तो सर्वर डाउन होने के चलते दुकान को कई घंटे तक देर रात तक खोलना पड़ता है जो लोगों के लिए परेशानी का  सामना करना पड़ता है। उनका कहना है कि सरकार को इस पर गंभीरता से सोच कर सरवर को ठीक करना चाहिए और कोई वैकल्पिक व्यवस्था भी रखनी चाहिए


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