माननीय सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ एस सी/ एस टी बर्ग के कुछ समुदाय ने भारत बन्द कर आम लोगों में यह भ्रम पैदा किया कि माननीय सर्बोच्च न्यायालय व सरकार आरक्षण के बिरोध मे है और आरक्षण खत्म करने की साजिश है के सम्बन्ध में व्यापार मन्डल के जिलाध्यक्ष व सामाजिक कार्यकर्ता अनन्त अग्रवाल ने कहा कि कोई भी आरक्षण के खिलाफ नही है । आरक्षण की नीतियों के खिलाफ है । आज देश को स्वतंत्र हुऐ 78 बर्ष हो रहे है । आरक्षण की आड में कुछ लोग या एक दो समुदाय ही इसका लाभ ले रहै हैं । 78 बर्ष में तो लगभाग 75% दलित समुदाय का जीवन स्तर ऊपर ऊठ जाना चाहिऐ था लेकिन आज भी दलित समाज में कुछ जातियां ऐसी है जिनको आज भी आरक्षण का लाभ नही मिल पा रहा है ।
अनन्त अग्रवाल ने कहा कि दलित समाज में जिन परिवारों को राजनैतिक , नौकरियों में या व्यापार में अवसर मिला उनको क्रीमीलियर के दायरे में लाकर उनको आरक्षण कोटे से बाहर किया जाये जो लोग या परिवार आरक्षण का लाभ लेने से बंच्चित हैं उनको प्रार्थमिकता दी जाये उनको आरक्षण का लाभ मिले और उनका जीवन स्तर ऊंचा उठे ।
अनन्त अग्रवाल ने कहा कि न तो सामान्य वर्ग आरक्षण का विरोध करता है और नही सुप्रीमकोर्ट या सरकार । विरोध केवल आरक्षण की नीति में सुधार का है । जिनको आरक्षण का लाभ मिल चुका है वह अब सामान्य बर्ग में शामिल हों और जो बंच्चित रह गये हैं उनको प्रार्थमिकता देकर उनके स्तर को ऊपर उठाया जाये । आज भारत बन्द का जिन्होंने आबाहन किया वह सभी क्रीमीलियर के दायरे में आते हैं । मेरी नजर में ऐसे लोग अपने ही समाज के दुश्मन हैं जो उनका हक छीन कर स्वयंम लेना चाहते हैं । इटावा जनपद में पूर्णरूप से भारत बन्द बिफल रहा सभी बाजार पूर्व की भांति खुले । सभी को माननीय सर्बोच्च न्यायालय के निर्णय कि स्वागत करना चाहिऐ ।भोले भाले दलित समाज को जो आज तक आरक्षण के लाभ से बंच्चित रहा वह माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से लाभान्वित होगा ।