जनपद रामपुर:-
नोटिस तो थमा दिए जाते हैं, लेकिन लंबा अरसा बीतने के बाद भी कार्रवाई नहीं
प्रशासन की सुस्ती से कब्जाधारियों के हौसले बुलंद
बिलासपुर।सरकारी तालाबों व छोटी नहरों को पाटकर नगर में रसूखदार अपने अवैध पक्के निर्माण कराकर वर्षों से निवास कर रहे हैं।प्रशासन की ओर से यह निर्माण चिह्नित कर कब्जाधारियों को नोटिस थमाए गए लेकिन लंबा अरसा बीतने के बाद भी इन पर बुल्डोजर की कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई।जिससे गंदगी से पटे तालाब व नहरों की वजह से आस-पास संक्रमण तेजी से फैल रहा है।एक तरफ जहां शासन की मंशा के अनुरूप सरकारी भूमियों को कब्जामुक्त बनाने की कवायद शुरू किए हुए हैं,तो वही दूसरी ओर मुहल्ला सिंह कॉलोनी स्थित राजस्व अभिलेखों में दर्ज गाटा संख्या 132 जोकि तालाब है,इस को रसूखदारों ने पाटकर अवैध पक्कें व कच्चे अवैध निर्माण कराकर वर्षों से निवास कर रहे हैं,तालाब के कुछ हिस्से में कुछ समय पहले मछली पालन होने से तालाब की सफाई-व्यवस्था भी होती लेकिन अब वह भी विगत वर्ष से बंद है,फैली गंदगी से आस-पास संक्रमण तेजी से फैल रहा है,बताया जाता है कि तालाब को पाटकर करीब तीन-से चार सौ निर्माण कराए गए हैं,जिन्हें आठ वर्ष पूर्व चिह्नित करने के बाद नोटिस भी थमाए गए मगर आज तक यह अवैध कब्जा ना मुक्त हुआ और ना ही कब्जाधारियों के विरुद्ध कोई कार्रवाई अमल में लाई गई।इसके अलावा खौदलपुर से पुरानी शिव मांग मंडी, पोस्ट ऑफिस रोड,शनिवार की साप्ताहिक पैठ से सोसायटी और पुलिया से होकर भट्टी टोला,कस्बा राजपुर आदि को जोड़ने वाली भाखड़ा नहर को भी पाटकर रसूखदार अपने चाबूतरे,टीनशेड,दीवार आदि निर्माण कराए हुए व्यापार बेहिचक चला रहे हैं, सिंचाई विभाग की ओर से इन कब्जाधारियों को नोटिस थमाकर सिर्फ खानापूर्ति कर दी जाती है,लेकिन आज तक यह अवैध कब्जे नाही मुक्त हुए और ना ही कब्जाधारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई अमल में लाई जाती।नागरिकों का कहना है कि सरकारी भूमियों को पटवाकर अवैध निर्माण करवाने में अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध है,तभी तो,लंबा अरसा बीतने के बावजूद भी अभी तक कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई जाती,वरना प्रशासन का जरा सा भी भय होता तो,कब्जे कभी के मुक्त हो जाते।मामले को लेकर जिम्मेदार अधिकारी केवल मामले की जांच कर उचित कार्रवाई अमल में लाई जाने की बात बोलकर पल्ला झाड़ रहे हैं।