सभी वर्गों के लिए छात्रवृत्ति के नियम बनाए जाएंगे एक जैसे


 

नित्य समाचार ब्यूरो

लखनऊ। प्रदेशों में सभी वर्गों के लिए छात्रवृत्ति और शुल्क भरपाई के नियमों में एकरूपता लाई जाएगी। इसके लिए शासनस्तर पर प्रस्ताव तैयार हो रहा है। शीघ्र ही नियमावली में संशोधन किया जाएगा।

प्रदेश में ढाई लाख रुपये तक सालाना आय वाले अनुसूचित जाति व जनजाति के छात्रों और दो लाख रुपये तक सालाना आय वाले अन्य वर्गों के छात्रों के लिए इस योजना का लाभ देने का प्रावधान है। इसमें छात्रवृत्ति के साथ शुल्क की भरपाई की जाती है।

योजना के तहत अनुसूचित जाति व सामान्य छात्रों को समाज कल्याण विभाग, अनुसूचित जनजाति को जनजाति कल्याण और ओबीसी छात्रों को पिछड़ा वर्ग कल्याण

सभी विभागों में एक साथ बायोमीट्रिक अटेंडेंस सिस्टम लागू करने पर विचार

पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग ने ग्रुप ए (बीटेक आदि) के छात्रों के लिए इस साल से बायोमीट्रिक अटेंडेंस लागू की थी, लेकिन सूत्रों का कहना है कि फिलहाल यह प्रयोग सफल नहीं हुआ। किसी एक विभाग में इसे लागू करने से प्रयोग सफल नहीं होगा। इसके लिए जरूरी है कि सभी विभाग एक साथ बायोमीट्रिक अटेंडेंस की व्यवस्था लागू करें।

विभाग भुगतान करता है। सामान्य व एससी-एसटी छात्रों और ओबीसी छात्रों को भुगतान के अलग-अलग नियम हैं। समाज कल्याण विभाग पहले सरकारी व सहायता प्राप्त संस्थानों के विद्यार्थियों को भुगतान करता है। धनराशि बचने पर निजी संस्थानों के विद्यार्थियों का नंबर आता है।

अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग तीनों तरह के संस्थानों के विद्यार्थियों की एक साथ वरीयता सूची तैयार

करता है। यह सूची पिछली कक्षा के अंकों के आधार पर तैयार होती है। अब शासन ने तय किया है कि सभी वर्गों के विद्यार्थियों को लाभ देने के लिए वरीयता सूची तैयार करने के नियम में समानता लाई जाएगी। इसके लिए उच्चस्तर पर मंथन चल रहा है।

इसके बाद सभी वर्गों के छात्रों के लिए एक ही नियमावली जारी होगी, सिर्फ सालाना आय के मानक अलग-अलग होंगे।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!