पूर्व में टांडा में रहा लेखपाल निलंबित, पूर्व एसडीएम पर कार्रवाई तय
19 पट्टे फर्जी तरीके से करा दिए जो राजस्व अभिलेखों में दर्ज नहीं है
नित्य समाचार संवाददाता रामपुर:-
टांडा। क्षेत्र में खनन के लिए नियमों को ताक पर रखकर दढ़ियाल नगर पंचायत क्षेत्र में पट्टे दे दिए गए। इसमें तत्कालीन हल्का लेखपाल से लेकर एसडीएम तक की भूमिका संदिग्ध पाई गई है। जिस पर लेखपाल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है जबकि, तत्कालीन एसडीएम के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को रिपोर्ट भेजी जा रही है।
तहसील टांडा की नगर
पंचायत दढ़ियाल का गजट जारी होने के बाद 3.535 हेक्टेयर सरकारी भूमि पर बैक डेट में 19 पट्टे फर्जी तरीके से करा दिए जो राजस्व अभिलेखों में दर्ज नहीं है। 12 जनवरी को जिलाधिकारी जोगिंदर सिंह के निर्देश पर राजस्व प्रशासन ने अवैध तरीके से दिए गए पट्टों पर कब्जा लिया और कब्जा मुक्त भूमि को नगर पंचायत की सुपुर्दगी में दिया गया।
नियमानुसार किसी भी पट्टे के लिए लेखपाल, राजस्व निरीक्षक, नायब तहसीलदार और फिर एसडीएम की रिपोर्ट
लगती है। तब पट्टा होता है। लेकिन, इन पट्टों में नियमों को दे ताक पर रख दिया गया। डीएम जोगिंदर सिंह ने बताया कि पट्टे व की पत्रावली पर सिर्फ लेखपाल और तत्कालीन एसडीएम के हस्ताक्षर पाए गए हैं।
जिस पर तत्कालीन हल्का लेखपाल एवं वर्तमान में बिलासपुर के पहाड़पुर में तैनात लेखपाल नरेंद्र सिंह को निलंबित करते हुए विभागीयत कार्रवाई के आदेश दिए हैं। व साथ ही तत्कालीन एसडीएम के खिलाफ शासन को रिपोर्ट भेजी जा रही है।