नित्य समाचार प्रधान संपादक:-
एक टीवी इंटरव्यू में योगी आदित्यनाथ जी महाराज ने ये ऐलान कर दिया है कि यूपी के अंदर वक्फ बोर्ड द्वारा कब्जा की गई एक एक इंच जमीन वापस ली जाएगी । इसके लिए यूपी वक्फ बोर्ड कानून में संशोधन कर दिया गया है और काम शुरू हो चुका है । योगी जी ने कहा है कि 1961 के बाद से वक्फ के द्वारा कब्जाई हर जमीन की जांच की जाएगी और जो दावा फर्जी निकलेगा वो जमीन
वापस ले ली जाएगी उस पर बुलडोजर चलेगा और पूरी जमीन समतल करवाकर गरीबों के लिए अस्पताल और मकान इत्यादि बनवाए जाएंगे ।
योगी जी के इस ऐलान पर काम भी शुरू हो चुका है संभल इसका ताजा उदाहरण है जहां डीएम राजेंद्र पेंसिया की जांच में ये सामने आया है कि संभल जिले के अंदर 52 बीघे की जमीन पर फर्जीवाड़ा करके बैनामा करके घर बनाए गए हैं जबकि वक्फ कानून 1995 की धारा 56 के मुताबिक वक्फ की जमीन को बैनामा कर बांटा नहीं जा सकता है । अब योगी के आदेशों के मुताबिक राजेंद्र पेेंसिया ने ऐलान कर दिया है कि ये सारे फर्जी घर अवैध हैं इसलिए तोड़े जाएंगे । क्योंकि ऐसे में सबसे ज्यादा घर तो मोमिनों के ही आ रहे हैं तो मोमिनों को भारी तकलीफ हो रही है लेकिन वो कुछ नहीं बोल पा रहे हैं क्योंकि दरअसल वक्फ का कानून भी मुसलमानों ने बनवाया है और कानून का उल्लंघन भी तो मुसलमान ही कर रहे हैं ।
दूसरी तरफ संभल के अंदर दैनिक भास्कर की टीम ने अपनी जांच में एक बेहद सनसनीखेज खुलासा किया है । कि संभल शहर के अंदर सिर्फ 5 वर्ग किलोमीटर ही जमीन है लेकिन अब्दुल समद के नाम से एक फर्जी गैर रजिस्टर्ड वक्फनामा बनकवाकर 7 वर्ग किलोमीटर की जमीन पर दावा ठोंक दिया गया । हैरान और हंसी की बात ये है कि फर्जीवाड़ा करने वाले ने जो 20 संपत्तियां वक्फनामे में गिनवाई थी कि उनका कुल क्षेत्रफल 7 वर्ग किलोमीटर तक चला गया, जो कि असंभव है ।
इससे भी ज्यादा मजेदार बात ये है कि ये पूरा फर्जी वक्फनामा 30 दिसंबर 2024 को संभल के दौरे पर आए समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल के द्वारा दिया गया था जिसमें इकरा हसन, जिया उर रहमान बर्क और यूपी में नेता विपक्ष माता प्रसाद पाण्डेय शामिल थे । बाद में यही वक्फ नामा खुद की गिनती दुनिया के मशहूर एडवोकेट में करवाने वाले ओवैसी मियां ने भी अपने ट्विटर हैंडल से शेयर कर दिया था ।
खैर इस सारे फर्जीवाड़े की जांच पड़ताल करके अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है । पहले तो पुलिस और प्रशासन लगातार ये पूछ रहा था कि आखिर संभल शहर के अंदर ये कौन अब्दुल समद था जिसने 1929 में 7 वर्ग किलोमीटर जमीन वक्फ को दान कर दी थी । आखिर रिक्शा चलाने वाले मुगल वंशजों के पास इतनी जमीन कहां से आ गई । पहले तो यही सवाल उठ जाता है । क्या ये जमीन अरब से ऊंट पर लाद कर लाए थे । सवाल तो बहुत सारे हो सकते हैं । पुलिस ने एनाउंसमेंट करवाया तो कोई सामने नहीं आया लेकिन जैसे ही केस दर्ज किया अब्दुल समद के वंशज सामने आए और फर्जीवाड़ा स्वीकार करते हुए लिखित में एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई को शपथ पत्र सौंपा कि सत्यव्रत पुलिस चौकी की जमीन सरकारी है और हमारा इस पर कोई कब्जा नहीं है । हम सिर्फ इस जमीन की देखरेख इसलिए कर रहे थे क्योंकि हमारे पुरखों ने हमें ऐसा कहा था लेकिन अब ये जमीन सरकारी निकली है हमें पता चल गया है इसलिए हमने ये जमीन भी सरकार को दे दी है ।