सहायक अध्यापक पद पर फर्जी नियुक्ति, बाबू समेत दो गिरफ्तार


 

सह-सम्पादक/ आर के कश्यप  नित्य समाचार

रामपुर। फर्जी तरीके से सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्ति कराने और वेतन निकालने के आरोप में सिविल लाइन पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया। आरोपियों को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया।

नगर खंड शिक्षाधिकारी सुनील कुमार सक्सेना की तहरीर पर 8 अक्टूबर 2023 को सिविल लाइन पुलिस ने जवाहरलाल पूर्व माध्यमिक विद्यालय ऊंची चौपाल की प्रबंधक रफत बेगम और सहायक अध्यापक ज्ञानेश्वरी सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया था। आरोप था कि ज्ञानेश्वरी सिंह की सहायक अध्यापक के पद पर फर्जी नियुक्ति की गई थी।

फर्जी नियुक्ति और वेतन का खेल

पुलिस जांच में पता चला कि विद्यालय के बाबू नरेन्द्र प्रकाश ने ज्ञानेश्वरी सिंह के नाम से फर्जी वेतन पत्र तैयार कर बीएसए कार्यालय भेजा। ज्ञानेश्वरी सिंह के पति नेकपाल सिंह, जो बेसिक शिक्षा कार्यालय के वित्त लेखा विभाग में सहायक लेखाकार थे, ने इस प्रक्रिया में सहयोग करते हुए पत्नी को अध्यापक पद पर नियुक्ति दिलाई और वेतन खाते में डलवाया।

 

नगर खंड शिक्षाधिकारी सुनील कुमार सक्सेना की तहरीर पर 8 अक्टूबर 2023 को सिविल लाइन पुलिस ने जवाहरलाल पूर्व माध्यमिक विद्यालय ऊंची चौपाल की प्रबंधक रफत बेगम और सहायक अध्यापक ज्ञानेश्वरी सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया था। आरोप था कि ज्ञानेश्वरी सिंह की सहायक अध्यापक के पद पर फर्जी नियुक्ति की गई थी।

 

धारा 120 बी जोड़ी गई

पुलिस ने जांच के दौरान मिले साक्ष्यों के आधार पर दोनों आरोपियों के खिलाफ

धारा 120 बी (आपराधिक साजिश) जोड़ते हुए मामला पुख्ता किया। गुरुवार को पुलिस ने आरोपी नरेन्द्र प्रकाश और नेकपाल सिंह को उनके कार्यालय से गिरफ्तार कर लिया।

कोर्ट का फैसला

गिरफ्तारी के बाद दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। मामला अब न्यायालय में विचाराधीन है।

अधिकारियों की प्रतिक्रिया

नगर खंड शिक्षाधिकारी सुनील कुमार सक्सेना ने कहा कि फर्जी नियुक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। बेसिक शिक्षा विभाग ने भी इस मामले में दोषियों पर कठोर दंड देने का आश्वासन दिया है।


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