सह-सम्पादक/ आर के कश्यप
मुरादाबाद। जिले के भोजपुर थाना क्षेत्र के वाजिदपुर गांव में एक युवती की गुमशुदगी का मामला तूल पकड़ रहा है। पीड़ित पिता साबिर ने अपनी बेटी शबनम (20) के लापता होने की शिकायत करते हुए स्थानीय पुलिस पर लापरवाही और कार्रवाई में देरी का आरोप लगाया है।
शिकायत के अनुसार, शबनम 22 मई 2024 को सुबह 10:30 बजे अपने गांव की सहेली रिजवाना के साथ मुरादाबाद के एक अस्पताल से दवा लेने की बात कहकर घर से निकली थी। लेकिन न तो वह अस्पताल पहुंची और न ही घर वापस लौटी। शबनम पिछले आठ महीने से काजीपुरा स्थित संजीवनी हेल्थ केयर सेंटर में डिलीवरी का काम सीख रही थी।
परिजनों को शक है कि गांव की सहेली रिजवाना और अस्पताल के कुछ लोगों की मिलीभगत से शबनम को बहला-फुसलाकर गायब कर दिया गया है। आरोप है कि वसीम, डॉ. रज़ा, डॉ. गबरू, खालिद और रिजवाना ने शबनम को बेच दिया हो सकता है या उसके साथ कोई अनहोनी घटना को अंजाम दिया गया हो।
पीड़ित परिवार ने पहले भी कई बार भोजपुर थाने में शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की थी, लेकिन उनकी बात को अनसुना किया गया। आखिरकार, पुलिस ने 1 जून 2024 को गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की (रोजनामचा संख्या-046)। हालांकि, परिजनों का कहना है कि रिपोर्ट दर्ज होने के बावजूद पुलिस ने मामले में कोई ठोस जांच नहीं की और ना ही आरोपियों से पूछताछ की।
पिता साबिर ने 19 अगस्त 2024 को एसएसपी मुरादाबाद को भी प्रार्थना पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई, लेकिन उन्हें अब तक सिर्फ झूठे आश्वासन ही मिले हैं। थाने और उच्चाधिकारियों के चक्कर काटते हुए परिवार को सात महीने से ज्यादा हो गए हैं, लेकिन उनकी बेटी का अभी तक कोई पता नहीं चल पाया है।
पीड़ित परिवार ने डीआईजी मुरादाबाद से बेटी को खोजने और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की अपील की है। परिवार का कहना है कि वे हर दिन किसी अनहोनी की आशंका में जी रहे हैं और न्याय के लिए उच्च अधिकारियों से मदद की उम्मीद कर रहे हैं।