इंस्पेक्टर नरगिस बोलीं- “पति का पैसा है, उड़ाऊंगी क्यों नहीं!”


जनपद  बरेली 👁👁

⚡नित्य समाचार न्यूज़ एजेंसी⚡

🙏 प्रधान संपादक डी सिंह🙏

✍️उत्तर प्रदेश की पुलिस व्यवस्था एक बार फिर सवालों के घेरे में है। बरेली सीआईडी में तैनात इंस्पेक्टर नरगिस खान के खिलाफ मेरठ में आय से अधिक संपत्ति का गंभीर मामला दर्ज हुआ है। परंतु नरगिस खान ने अपने ऊपर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए चौंकाने वाला बयान दिया—”पति के पास पैसा है, फिर मैं क्यों न उड़ाऊं?”

 

नरगिस खान का यह बयान केवल बहस का विषय नहीं, बल्कि राजनीतिक पहुंच और प्रशासनिक गठजोड़ की गवाही भी दे रहा है। उनके पति सुरेश यादव एक रसूखदार शराब और तेल कारोबारी हैं, जिनके व्यवसाय में पेट्रोल पंप, बार, निर्माण और साड़ी शोरूम शामिल हैं। नरगिस के अनुसार, पति की सालाना आमदनी करोड़ों में है और वह विधिवत आयकर भी अदा करते हैं।

 

सपा सरकार में चलता था दोनों ’ का सिक्का?

 

सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या ये संपत्ति वाकई व्यवसाय से आई, या फिर सपा सरकार में मिली राजनीतिक सरपरस्ती का परिणाम है?

 

सूत्रों के मुताबिक, सुरेश यादव की समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से करीबी रही है। आरोप हैं कि सपा शासन में नरगिस और सुरेश के कहने पर अधिकारियों के तबादले तक कर दिए जाते थे। सत्ता के संरक्षण में दंपति ने बेहिसाब संपत्ति अर्जित की और अब जब जांच का शिकंजा कस रहा है, तो इसे ‘पारिवारिक आय’ बताकर बचने की कोशिश हो रही है।

 

प्रमोशन रोका गया, अब हाईकोर्ट जाएंगी

 

नरगिस खान 1990 बैच की दरोगा हैं और 2018 से बरेली में तैनात हैं। उन्होंने बताया कि लगातार झूठी शिकायतों के कारण उनका प्रमोशन अटका हुआ है, जबकि उनके बैच के अन्य इंस्पेक्टर सीओ बन चुके हैं। वह अब हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी में हैं।

 

व्यवसाय में पार्टनरशिप, फिर झगड़े, फिर केसबाजी

 

नरगिस ने बताया कि सुरेश यादव के व्यवसाय में उमा देवी नामक महिला पार्टनर थीं। कोरोना काल में व्यापार घाटे के बाद उमा देवी पर बेईमानी का आरोप लगाया गया, जिसकी शिकायत गाजियाबाद में दर्ज हुई और हर्जाना भी दिलवाया गया। उसी के बाद से कथित तौर पर “झूठी शिकायतों” की शुरुआत हुई।

 

तीखे सवाल, मौन सरकार

 

अब जबकि मामला आय से अधिक संपत्ति तक पहुंच चुका है, तो सरकार और पुलिस विभाग की चुप्पी पर भी सवाल उठ रहे हैं। क्या यह जांच निष्पक्ष होगी या फिर राजनीतिक रसूख के चलते फिर से दबा दी जाएगी?

 

सवाल सिर्फ इंस्पेक्टर नरगिस खान का नहीं, बल्कि सत्ता के संरक्षण में पनपते भ्रष्ट तंत्र का है, जो आम लोगों की नजर में पुलिस और व्यवस्था की साख को लगातार गिरा रहा है।


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