नई दिल्ली:-👁👁
नित्य समाचार न्यूज़ एजेंसी⚡
प्रधान संपादक डीके सिंह🙏
👉ऑल इंडिया आइडियल टीचर्स एसोसिएशन के मेंबर शकील अहमद ने एनसीईआरटी के संस्था निदेशक का पत्र के माध्यम से ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि हम आपकी प्रतिष्ठित संस्था ने हाल ही में प्रकाशित कक्षा 8 की इतिहास पुस्तक “Exploring Society: India and Beyond (Part 1)” की ओर आकर्षित कराना चाहते हैं।
इस पुस्तक में मुगल शासकों जैसे बाबर, अकबर और औरंगज़ेब को “जनसंहारक” और “मंदिर विध्वंसक” जैसे शब्दों में वर्णित किया गया है। यह प्रस्तुतिकरण न केवल ऐतिहासिक दृष्टिकोण से एकांगी और अपूर्ण प्रतीत होता है, बल्कि यह छात्रों के मन में विशेष समुदाय के प्रति पूर्वग्रह और वैमनस्य उत्पन्न करने की आशंका भी उत्पन्न करता है।
हमारी आपत्तियाँ निम्नलिखित हैं:
👉1. इतिहास के साथ चयनात्मक व्यवहार:
ऐतिहासिक तथ्यों को संदर्भ से काटकर या अत्यधिक नकारात्मक दृष्टिकोण से प्रस्तुत करना छात्रों में द्वेष और पूर्वग्रह को जन्म देता है, जो शैक्षिक उद्देश्यों के सर्वथा विपरीत है।
👉2. सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की आशंका:
इस प्रकार के वर्णन न केवल इतिहास को विकृत करते हैं, बल्कि समाज में सांप्रदायिक सद्भाव को भी चोट पहुँचाते हैं, जो एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र की मूल भावना के विरुद्ध है।
👉3. NCERT की जिम्मेदारी:
NCERT जैसी राष्ट्रीय संस्था से अपेक्षा की जाती है कि वह ऐतिहासिक तथ्यों को निष्पक्ष, संतुलित और प्रमाण-आधारित ढंग से प्रस्तुत करे, जिससे छात्र आलोचनात्मक और विवेकपूर्ण समझ विकसित कर सकें।
हमारा विनम्र अनुरोध है कि:
👉पुस्तक में वर्णित आपत्तिजनक, पक्षपातपूर्ण एवं साम्प्रदायिक रूप से संवेदनशील सामग्री की पुनः समीक्षा कर उसे संशोधित या हटाया जाए।
इतिहास को किसी भी धर्म या समुदाय के प्रति नफरत पैदा करने के औजार के रूप में प्रस्तुत करने से बचा जाए।
👉एक स्वतंत्र और विविध विशेषज्ञों की समिति बनाकर इन बदलावों की जांच कराई जाए।