सहारनपुर संसदीय सीट से करने जा रही हैं। यूपी की यह पहली लोकसभा सीट है।यहां पहले चरण में चुनाव होना है। मायावती के भतीजे आकाश आनंद भी पश्चिमी यूपी की नगीना सीट पर छह अप्रैल को अपनी पहली चुनावी सभा कर चुके हैं। ये दोनों सीटें दलित बाहुल्य बताई जाती हैं। बसपा सुप्रीमो का मकसद जातीय वोट बैंक को संभाले रखना है।
सहारनपुर सीट बसपा पिछली बार जीती थी। यह बात अलग है कि इस बार टिकट काट कर माजिद अली को उम्मीदवार बनाया गया है। सहारनपुर सीट जातीय समीकरण के हिसाब से देखा जाए तो यहां मुस्लिम करीब 29 और दलित 23 फीसदी के आसपास है। मायावती ने जातीय समीकरण के हिसाब से सहारनपुर में अपनी पहली सभा रखी है। बताया जा रहा है कि इसके बाद 15 अप्रैल को रामपुर, मुरादाबाद, 16 अप्रैल को नगीना, बिजनौर, 21 अप्रैल गाजियाबाद, बागपत, अमरोहा, 22 अप्रैल गौतमबुद्धनगर, बुलंदशहर और 23 अप्रैल को मेरठ व हापुड़ में चुनावी सभा प्रस्तावित है।
रविवार को सहारनपुर देवबंद नागल के भरतपुर सरसीना में पहली सभा करेंगे और दूसरी सभा मुजफ्फरनगर के गवर्मेंट इंटर कालेज खेल मैदान में दोपहर बाद आयोजित की गई है। बसपा बहुजन हिताय व बहुजन सुखाय के व्यापक हित व कल्याण के मद्देनजर बसपा किसी पार्टी या गठबंधन आदि से कोई तालमेल या समझौता किए लड़ रही है। मायावती ने 11 अप्रैल को नागपुर और शनिवार को हरिद्वार उत्तराखंड में चुनावी सभा को संबोधित कर चुकी हैं।