जनपद रामपुर 🇮🇳🇮🇳
नित्य समाचार न्यूज़ एजेंसी⚡👁👁
प्रधान संपादक डीके सिंह🙏🇮🇳🇮🇳
रामपुर। 👉पहाड़ों और मैदानी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के कारण कोसी और रामगंगा नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा है। कोसी नदी खतरे के निशान के करीब बह रही है, जिससे निचले इलाकों के गांवों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। प्रशासन ने अलर्ट जारी करते हुए लोगों से नदियों के किनारे न जाने की अपील की है।
गुरुवार सुबह रामनगर बैराज से 12,176 क्यूसेक, दढ़ियाल बांध से 25,000 क्यूसेक और लालपुर वियर से 40,545 क्यूसेक पानी कोसी नदी में छोड़ा गया। इससे नदी का जलस्तर 209 मीटर पर पहुंच गया, जबकि खतरे का निशान 209.69 मीटर पर है।
वहीं, हुसैन गंज बांध से रामगंगा नदी में 45,700 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिससे इसका जलस्तर 195.36 मीटर पर पहुंच गया, जो खतरे के निशान 196.36 मीटर से बस एक मीटर नीचे है। गंगापुर भोपतपुर बांध से भी 46,600 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद रामगंगा का जलस्तर 170.80 मीटर दर्ज किया गया, जबकि खतरे का निशान 171.80 मीटर है।
बढ़ते जलस्तर को देखते हुए जिला प्रशासन ने आसपास के गांवों में ऐलान करा दिया है कि कोई भी व्यक्ति नदियों के पास न जाए और पशुओं को चराने या चारा लेने के लिए नदियों को पार न करे। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्थापित चौकियों पर तैनात कर्मचारियों को भी अलर्ट कर दिया गया है।
जिलाधिकारी जोगिन्दर सिंह और पुलिस अधीक्षक विद्यासागर मिश्र ने गुरुवार को हालात का जायजा लिया। अधिकारियों ने कहा कि स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है और घबराने की आवश्यकता नहीं है। एक्सईएन नहर खंड नवीन कुमार ने बताया कि पानी छोड़े जाने से जलस्तर जरूर बढ़ा है, लेकिन बाढ़ का खतरा नहीं है।
15,000 हेक्टेयर फसलें जलमग्न
बारिश और नदियों के उफान से नदियों के किनारे की लगभग 15,000 हेक्टेयर फसलें तबाह हो गई हैं। धान की पौध पूरी तरह डूब गई है, जबकि गन्ना, ज्वार-बाजरा और मक्का की फसल भी जलमग्न है। जिला कृषि अधिकारी कुलदीप सिंह राणा के अनुसार नदियों की भूमि पर बोई गई फसलों का मुआवजा नियमों के तहत नहीं दिया जाता, क्योंकि कृषि विभाग उन फसलों को काउंट में नहीं करता।