जनपद रामपुर:-🇮🇳🇮🇳
नित्य समाचार👁👁
प्रधान संपादक डी के सिंह🙏🙏
बिलासपुर। जिला रामपुर के बिलासपुर तहसील में कुछ समय से किसानों ने नहर विभाग के खिलाफ जो आंदोलन छेड़ रखा था वह आंदोलन कामयाब हुआ और सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने किसानों के सामने ही बंद पड़ी नहर की सफाई चालू करा दी किसानो की इस कामयाबी को नहर के किनारे रहने वाले लोगों से देखा नहीं गया और उनके खिलाफ एसडीएम कोर्ट में ज्ञापन दिया जिससे किसानों की छवि को बदनाम और खराब हो सके ऐसा करने मैं नहर के किनारे रहने वाले और नहर पर कब्जा करने वाले लोगों की अहम भूमिका है सिंचाई विभाग ने नहर की खुदाई व सफाई किसानों परेशानियों को देखते हुए लिया और मृत पड़ी नहर को जीवित करने का प्रयास किया लेकिन वहां के स्थानीय मकान मालिक और दुकानदार नहीं चाहते कि किसानों के खेत तक पानी पहुंचे और इस नहर के पानी से किसानों को अपनी फसलों की सिंचाई करने का लाभ मिल सके!
यह पूरा विवाद अपर सैंजनी नहर के किनारे बने मकानों और दुकानों से जुड़ा है। जिला अध्यक्ष ज्ञानपाल यादव ने कहा “ नहर विभाग को चाहिए ऐसे मकान मालिक व दुकानदारों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए जिन्होंने नहर पर कब्जा कर रहा रखा है या बंद कर रखा है ऐसे लोगों पर तुरंत प्रशासन को तत्काल कठोर कार्रवाई करनी चाहिए।” भारतीय किसान यूनियन महात्मा टिकैत के जिला महासचिव हरि शंकर यादव ने कहा, “किसान आंदोलन किसानों के अधिकार और सम्मान की लड़ाई है,कुछ लोग नहर पर काबिज मकान मालिकों और दुकानदारों के साथ मिलकर किसानों के साथ विश्वासघात कर रहे हैं। मेरी सरकार और प्रशासन से अपील है ऐसे लोगों को चिन्हित कर सख्त सजा देनी चाहिए। ” जिला अध्यक्ष ज्ञानपाल यादव के नेतृत्व में कस्बा केमरी में पंचायत में यह तय हुआ कि यदि प्रशासन ने मामले में त्वरित कदम नहीं उठाए तो किसान आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे। अब यह लड़ाई सिर्फ संगठन की नहीं, बल्कि किसान आंदोलन की गरिमा बचाने की भी है। इस घटनाक्रम ने बिलासपुर की राजनीति और प्रशासन दोनों को हिला दिया है।