जनपद रामपुर:-🇮🇳🇮🇳
नित्य समाचार👁👁
प्रधान संपादक डी के सिंह🙏🙏
बिलासपुर :- जिला रामपुर की तहसील बिलासपुर के गांव पसियापुरा में गुरूद्वारे पर कब्जा लेने को लेकर दोनों पक्षों में हिंसक झड़प हो गई।हाईकोर्ट का आदेश दिखाते हुए हजारा परिवार पक्ष ने भारी संख्या में संगत की मौजूदगी में अपना पुनः कब्जा कर लेने पर दोनों पक्षों में जमकर मारपीट और फायरिंग तक की घटना हुई।इस दौरान एक पक्ष की और से दूसरे पक्ष पर फायरिंग और पथराव का आरोप लगाया गया।मौकें पर डीएम-एसपी और कई थानों की पुलिस फोर्स तैनात हैं।मामला बिलासपुर कोतवाली क्षेत्र के पसियापुरा गांव स्थित शहीद बाबा दीप सिंह गुरूद्वारे का है। सोमवार की पूर्वाह ग्यारह बजे हजारा परिवार पक्ष के सतेंद्र सिंह व जितेंद्र सिंह के नेतृत्व में कुछ लोगों ने गुरूद्वारे में प्रवेश कर दूसरे पक्ष के सेवादारों को बाहर निकाल दिया।वही दोनों पक्षों में हाथापाई शुरू हो गई दोनों ही पक्षों के आधा दर्जन लोग घायल हो गए इस दौरान एक पक्ष द्वारा फायरिंग तक की घटना को अंजाम दिया गया।इसके बाद गांव में तनाव की स्थिति बन गई।सूचना मिलते ही प्रशासन भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गया लेकिन दोनों ही पक्षों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए जनपद के कई थानों की पुलिस फोर्स और पीएसी व क्यूआरटी तक ने गांव में घेरा डाल दिया गया।आरोप है कि प्रशासन के सामने एक पक्ष ने फायरिंग कर डाली इससे पुनः तनाव बन गया और दूसरा पक्ष आगे बढ़ने के लिए जद्दोजहद करता रहा।मगर प्रशासन ने दूसरे पक्ष को शांत कराने के बाद तभी एक कमरे से युवक द्वारा फायरिंग करने के बाद दूसरा पक्ष भड़क गया।तभी जिलाधिकारी जोगिंदर सिंह और पुलिस अधीक्षक विद्यासागर मिश्र मौकें पर पहुंचें तभी दूसरे पक्ष ने डीएम एसपी के सामने ही खूब नारेबाजी और आरोप लगाना शुरू कर दिया।फोर्स ने बड़ी मशक्कत के बाद हालातों को नियंत्रित किया,इसके बाद दूसरे पक्ष ने प्रशासन के सामने ही प्रशासन और राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख के नाम के हाए हाए के नारे लगाए।वही पुलिस ने फायरिंग करने वाले युवक को मय असलहो के साथ धर दबोच लिया।सूत्रों के अनुसार प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित कर विवाद को निबटाने के लिए गुरूद्वारे की बागडोर अपने कब्जे में कर दोनों ही पक्षों के पांच-पांच सदस्यों को आज मंगलवार को जिला मुख्यालय बुलाया है।हलाकि अभी गुरूद्वारे के बाहर भारी पुलिस फोर्स और पीएसी आदि तैनात हैं।ज्ञात हो कि पसियापुरा गुरूद्वारे के प्रबंधन और संचालन को लेकर वर्ष 2022 की जुलाई माह यानि तीन साल से हजारा परिवार और नवाबगंज पक्ष के बीच विवाद चल रहा है।

