सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 142 के तहत निर्देश जारी किए


उत्तर प्रदेश:-

सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 142 के तहत निर्देश जारी किए

➡अपराध की सजा घर तोड़ना नहीं

➡दोषी होना घर तोड़ने का आधार नहीं

➡घर सपना है कभी न टूटे

➡लोकतंत्र में नागरिकों के अधिकार की रक्षा जरूरी

➡सरकारी शक्ति का दुरुपयोग नहीं हो सकता

➡सरकार की जिम्मेदारी,राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखें

➡बिना मुकदमे के मकान नहीं गिरा सकते

➡शासन मनमाने तरीके से मकान नहीं गिरा सकता

➡मनमाने तरीके से घर गिराया तो प्रशासन जिम्मेदार

➡मनमानी तरीके से घर गिराने पर अधिकारियों की जवाबदेही

➡संविधान में आरोपियों को भी अधिकार मिले हैं

➡बिना मुकदमे के किसी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता

➡प्रशासन जज नहीं बन सकता

➡अगर अवैध तरीके से घर तोड़ा तो मुआवजा मिले

➡अवैध कार्रवाई करने वाले अधिकारियों को दंडित किया जाए

➡बुलडोजर एक्शन पर मनमाना रवैया बर्दाश्त नहीं

➡अपराध की सजा देना कोर्ट का काम

➡आम आदमी का घर वर्षों की मेहनत का नतीजा

➡सिर पर छत होना भी जीने का अधिकार

➡अवैध निर्माण को जुर्माना लगाकर नियमित किया जा सकता है

➡आरोपी के अपराध की सजा पूरे परिवार को नहीं

➡एक की गलती,तो सबको मकान से वंचित नहीं कर सकते

➡आरोपी होने पर घर नहीं गिरा सकते

➡नोटिस में बताएं मकान कैसे अवैध है

➡नोटिस की जानकारी डीएम को दिया जाए

➡3 महीने में पोर्टल बनाकर सभी को नोटिस साझा करें

➡नोटिस में बताया जाए कौन सा हिस्सा अवैध है

➡अवैध निर्माण तोड़ने की वीडियोग्राफी हो

➡डीएम एक महीने में नोडल अधिकारी नियुक्त करें

➡सभी राज्यों के मुख्य सचिव को आदेश भेजा जाए

➡स्थानीय नगर निगम के मुताबिक नोटिस हो

➡बुलडोजर एक्शन पर नोटिस डाक से भेजा जाए

➡गलत कार्रवाई पर अधिकारियों को भुगतान करना होगा

➡नोटिस के 15 दिन के भीतर कोई कार्रवाई न हो.

 


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!