जनपद रामपुर🇮🇳🇮🇳
नित्य समाचार👁👁
प्रधान संपादक डीके सिंह🙏🙏
नारायण ई-टेक्नो स्कूल पर उठा सवालों का तूफान
अभिभावकों ने लगाया मनमानी का आरोप — “फीस पूरी, पढ़ाई अधूरी”
रामपुर। 👉शहर के चर्चित नारायण ई-टेक्नो स्कूल में इन दिनों शिक्षा से ज़्यादा शिकायतों की गूंज सुनाई दे रही है। गुरुवार को स्कूल गेट पर अभिभावकों का जमकर हंगामा हुआ। गुस्साए पैरेंट्स का कहना था कि पिछले दो महीने से स्कूल में क्लासरूम की जगह ग्राउंड ही बच्चों की पढ़ाई का केंद्र बना हुआ है। बच्चे यूनिफॉर्म में जाते ज़रूर हैं, लेकिन किताबों से ज़्यादा फुटबॉल और क्रिकेट से रूबरू होते हैं।
अभिभावकों का आरोप है कि वे हर साल 50 से 60 हजार रुपये फीस जमा करते हैं, लेकिन इसके बदले स्कूल उन्हें छुट्टी और बंद दरवाज़े का तोहफ़ा दे रहा है। किसी दिन टीचर नहीं आते, किसी दिन प्रिंसिपल नदारद रहते हैं। हालात ये हैं कि पेरेंट्स जब जवाब मांगने स्कूल पहुंचे तो वहां न तो प्रिंसिपल मिले, न कोई एडमिनिस्ट्रेशन स्टाफ मानो स्कूल खुद छुट्टी पर हो!
एक अभिभावक ने व्यंग्य करते हुए कहा कि अगर स्कूल को ग्राउंड टेक्नो का नाम दे दिया जाए तो शायद नाम के हिसाब से काम सही बैठेगा।
मामले को और गंभीर बनाते हुए पैरेंट्स ने बताया कि स्कूल की मान्यता संदिग्ध है। किसी को इस बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई। साथ ही, बच्चों की सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह लचर है। एक पैरेंट्स ने बताया कि जब वे अपने बच्चे को लेने पहुंचे तो गेट पर कोई सिक्योरिटी गार्ड तक मौजूद नहीं था, वे आसानी से अंदर गए और बच्चे को लेकर बाहर निकल आए। उन्होंने तंज़ कसते हुए कहा, अगर कोई गलत इरादे वाला व्यक्ति बच्चे को उठा ले जाए, तो ज़िम्मेदारी किसकी होगी?
अभिभावकों का कहना है कि अब वे इस पूरे मामले की शिकायत रामपुर के जिलाधिकारी से करेंगे और स्कूल प्रबंधन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करेंगे।
जहाँ एक ओर देश में नई शिक्षा नीति की बातें हो रही हैं, वहीं दूसरी ओर नारायण ई-टेक्नो स्कूल जैसे संस्थान शिक्षा को खेल का मैदान बना रहे हैं — न पढ़ाई, न टीचर, बस फीस और फरेब का खेल।
क्या प्रशासन अब जागेगा? या बच्चों की किताबें फिर कुछ दिनों तक ग्राउंड में ही पड़ी रहेंगी?