केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने देश में बाढ़ प्रबंधन की समीक्षा के लिए नई दिल्ली में एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की


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*केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने देश में बाढ़ प्रबंधन की समीक्षा के लिए नई दिल्ली में एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की*

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने देश में बाढ़ प्रबंधन की समीक्षा के लिए नई दिल्ली में एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की. मीटिंग में गृह मंत्री ने निर्देश दिया कि केंद्रीय जल आयोग के बाढ़ निरीक्षण केंद्र, आवश्यकता के अनुरूप और अंतरराष्ट्रीय स्तर के होने चाहिए.नॉर्थ ईस्ट में बनाए जाएं 50 बड़े तालाब

बैठक में निर्देश दिया गया कि उत्तरपूर्व में कम से कम 50 बड़े तालाब बनाकर ब्रह्मपुत्र नदी के पानी को डाइवर्ट करने की व्यवस्था हो, जिससे बाढ़ से निजात मिले और कृषि, सिंचाई के साथ-साथ पर्यटन भी विकसित हो.

अमित शाह ने कहा कि नदियों के जलस्तर के पूर्वानुमान को अपग्रेड कर बाढ़ की समस्या को कम करने के प्रयास किए जाएं. साथ ही बाढ़ की स्थिति में जल-भराव से निपटने के लिए सड़क निर्माण के डिजाइन में ही प्राकृतिक जलनिकासी का प्रावधान हो.

चेतावनी संबंधित ऐप्स को एकीकृत किया जाए

गृह मंत्री ने NDMA और जलशक्ति मंत्रालय को सिक्किम और मणिपुर में आई बाढ़ का अध्यन कर गृह मंत्रालय को विस्तृत रिपोर्ट देने का निर्देश दिया. केंद्रीय गृह मंत्री ने विभिन्न विभागों की ओर से विकसित की गईं, मौसम, वर्षा और बाढ़ चेतावनी संबंधित ऐप्स को एकीकृत किए जाने की जरूरत पर जोर दिया.

जंगल की आग रोकने के लिए नियमित रूप से फायरलाइन बनाने, सूखे पत्तों को हटाने और स्थानीय निवासियों और वनकर्मियों के साथ समय-समय पर मॉक ड्रिल करने का भी निर्देश दिया गया है.

बाढ़ की चपेट में असम

इन दिनों असम बाढ़ की चपेट में है. बाढ़ की वजह से अब तक 39 लोगों की मौत हो चुकी है. धरमतुल और करीमगंज में कोपिली और कुशियारा नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. असम के 12 जिलों- बारपेटा, कामरूप, बाजली, गोलपारा, नागांव, होजई, उदलगुरी, करीमगंज, दरांग, नलबाड़ी, कामरूप मेट्रोपॉलिटन और कछार की 2,63,452 आबादी बाढ़ की वजह से प्रभावित है.

बाढ़ का सबसे ज्यादा असर करीमगंज में हुआ है. यहां की 1,39,989 आबादी बाढ़ के चलते प्रभावित है, इसके बाद दरांग जिले की 56,863 आबादी बाढ़ की चपेट में है. ASDMA ने कहा कि राज्य में प्रभावित आबादी 33 जिलों और 1,027 गांवों में फैली हुई है. 3,995.33 हेक्टेयर की फसल भूमि अभी भी बाढ़ के पानी में डूबी हुई है, जबकि 47,795 मुर्गियां सहित 2,20,546 जानवर प्रभावित हैं.


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